नेरोलैक पेंटिंग लगवाने के बावजूद भी पोस्टमैन ने नहीं दी सलामी । कंपनी को भरना पड़ा 1 करोड़ का जुरमाना
नेरोलैक पेंटिंग लगवाने के बावजूद भी पोस्टमैन ने नहीं दी सलामी ।
कंपनी को भरना पड़ा 1 करोड़ का जुरमाना
पेंट बनने वाली कंपनी नेरोलैक के एक विज्ञापन ने आजकल जनता की नाम में दम कर रखा है । हर १० मिनट में आ जाने वाले इस विज्ञापन में यह दिखाया जाता है की कैसे एक पोस्टमैन एक बड़े डॉक्टर घनश्याम को हर बार “घनचु ” नाम से सम्बोधित करता है । डॉक्टर इस बात से काफी परेशान होता है और वह नाम प्लेट बदलवा लेता है ।
फिर भी पोस्टमैन उसे “घनचु ” नाम से सम्बोधित करता है । डॉक्टर इस बार स्टेथेस्कोप के साथ बाहर खड़ा होता है जिस से की पोस्टमैन समझ जाये की वह डॉक्टर है पर इस बार भी पोस्टमैन उसे “घनचु ” नाम से सम्बोधित करता है । डॉक्टर काफी आहात होता है पर तभी पीछे से आवाज आती है जो कहती है की घर में नेरोलैक पेंटिंग नहीं लगवाओगे तो लोग इज़्ज़त नहीं देंगे ।
नेरोलैक पेंटिंग लगवाते हे पोस्टमैन अपने साथियों को ले कर आता है और डॉक्टर को सलामी दिलवाता है और देता भी है । यह बात भोपाल के घनश्याम ठाकुर को जच गयी । उन्होंने तुरंत ही अपने घर में नेरोलैक पेंट लगवा लिया । इस काम के लिए उन्होंने HDFC बैंक से लोन भी ले लिया था । पर जब पेंटिंग करवाने के बाद भी उनकी इज़्ज़त में इज़ाफ़ा नहीं हुआ साहब ने कंस्यूमर फोरम की मदद ली ।
नेरोलैक पेंटिंग वालो को बुलवाया गया और उन पर मान हानि का दावा किया गया । जज साहब ने खुद माना की वे स्वयं भी इसके चक्कर में पढ़ने वाले थे की यह केस आ गया । आनन फानन में उन्होंने फैसला सुना दिया और नेरोलैक पेंटिंग वाले को १ करोड़ का जुरमाना भरना पड़ा ।
यही नहीं कंपनी को सजा के तौर पर कोर्ट की इमारत की भी पुताई करवानी पड़ी |
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